रक्षा बंधन 11 तारीख को मानये या 12 तारीख को ? रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता , रक्षा बंधन का इतिहास

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता , रक्षा बंधन का इतिहास


 रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूँ की कहानी का कुछ अलग ही महत्व है. ये उस समय की बात है जब राजपूतों को मुस्लमान राजाओं से युद्ध करना पड़ रहा था अपनी राज्य को बचाने के लिए. राखी उस समय भी प्रचलित थी जिसमें भाई अपने बहनों की रक्षा करता है. उस समय चितोर की रानी कर्णावती हुआ करती थी. वो एक विधवा रानी थी.

और ऐसे में गुजरात के सुल्तान बहादुर साह ने उनपर हमला कर दिया. ऐसे में रानी अपने राज्य को बचा सकने में असमर्थ होने लगी. इसपर उन्होंने एक राखी सम्राट हुमायूँ को भेजा उनकी रक्षा करने के लिए. और हुमायूँ ने भी अपनी बहन की रक्षा के हेतु अपनी एक सेना की टुकड़ी चित्तोर भेज दिया. जिससे बाद में बहादुर साह के सेना को पीछे हटना पड़ा था.


रक्षा बंधन 11 तारीख को मानये या 12 तारीख को  ? 



पंचांग के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09:34 पर शुरू होगी जो 12 अगस्त को सुबह 07:18 तक रहेगी। इसके अनुसार 11 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाना चाहिए। लेकिन 11 अगस्त को ही सुबह 09:35 बजे भद्रा लग जाएगी जो इस तारीख पर रात्रि 08:30 बजे तक जारी रहेगी। इसके अनुसार 11 अगस्त को रात 08:30 बजे के बाद रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022 Date in Hindi) का पर्व मनाया जा सकता है।

लेकिन ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि हिंदू धर्म में शुभ काम सूर्यास्त के बाद नहीं किए जाते हैं, तो अधिकतर बहनें रात के समय भाइयों को राखी बांधना सही नहीं मानेंगी। फिर पूर्णिमा की उदया तिथि 12 अगस्त (when is Raksha Bandhan 2022) को है जिसके नाते इस दिन का समय राखी बांधने के लिए ज्यादा उत्तम होगा। हालांकि 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि शाम 07:18 तक रहेगी।

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